- 1312 किमी लंबी है नर्मदा अमरकंटक से भड़ूच तक
- 1079 किमी का सफर तय करती है मप्र में
- 98,496 वर्ग किमी एरिया नर्मदा बेसिन का 4 राज्याें में
भास्कर लाइव : बैकवाटर सड़क पर, डूबे गांव, 100 किमी तक नहीं मिला किनारा, न माेबाइल नेटवर्क, न बिजली; टॉर्च की रोशनी का सहारा बड़वानी से राजघाट के लिए कार से जाने लगे ताे देखा कि सड़क पर कुछ लोग नर्मदा की फोटो रख पूजा कर रहे हैं। पता चला कि बैकवॉटर सड़क पर है और पूजा करने लायक स्थिति भी यहीं है। बोट को सड़क किनारे बुलवाकर उस पर चढ़े। करीब आधा किमी बाद बोट वाले ने बताया, यही मुख्य नदी है। दोनों ओर पहले नजर आने वाले गांव नहीं थे। थोड़ा सा आगे निकले तो देखा निसरपुर स्थित कोटेश्वर एक बार की बर्बादी देख फिर जागृत होने के इंतजार में है। इसके बाद 100 किमी में किनारा नहीं मिला। न कहीं खाने की दुकान, न बिजली न मोबाइल का नेटवर्क। टाॅर्च की रोशनी में मछली का जाल बिछाए वनवासी जरूर दिखे। इस रूट पर 100 से ज्यादा टापू और पांच बड़े मोड़ हैं।
सरकार की योजना : तीन िदन-दाे रात का पैकेज, 170 किमी के इस सफर में 24 लोग हाेंगे क्रूज में, किराया तय नहीं यह प्रोजेक्ट बनाने वाले कमांडर राजेंद्र निगम ने बताया कि बड़वानी के राजघाट से केवड़िया में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी तक 170 किमी का यह सफर तीन दिन-दाे रात का रहेगा। क्रूज में छह कमरे रहेंगे, जिनमें 24 लोग सफर कर सकेंगे। क्रूज दिन में अाठ से 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगा। इसमें एंटरटेनमेंट हॉल, ट्राइबल डांस, लंच-डिनर की सुविधा होगी। बड़वानी में पानी कम होने और गरमी के दौरान नदी सिकुड़ने से यहां क्रूज नहीं रख सकते। इसलिए राजघाट से यात्रियों को लेकर 15 किमी (कुक्षी तक) मिनी बोट से ले जाएंगे। उन्हें जैन तीर्थ बावनगजा भी दिखाएंगे।